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“Rape” aka “बलात्कार”

“बलात्कार”
हाँ जी बलात्कार तो मेरा हुआ है
यह अन्याय भी मेरे साथ हुआ है
अब सभी पूछते हैं क्या हुआ है
कोई उस दरिंदे से नहीं पूछता
सोचते हैं सारा गुनाह मेरा है
इस लिए मिल रही मुझे सजा है
मैं मेकअप लगा नहीं सकती
अकेली कहीं जा नहीं सकती
सारे पहरे मुझ पर लगे हैं  
मर्जी से मुस्कुरा नहीं सकती
घूरती हैं नज़रें चील की तरह
यौवन को छुपा नहीं सकती
 
पूछना चाहती हूँ एक बार
अगर वो कभी मेरे सामने आया
कर तो चुका है जो मेरे साथ
अब कसम से सच्च सच्च बता
ऐसा क्या कसूर था मेरा जो
तूने मेरे साथ ऐसा किया
मै इन्कार करती रही, चीखती रही
तू अपनी हवस पूरी करता गया
ऐसा तेरी बहन के साथ होता
तो बता तू क्या करता
क्या फिर भी तू दुनिया
के सामने सर उठा सकता
अब बताओ कौन मुझे अपनाएगा
कौन मेरे साथ विवाह रचाएगा
तू भी कैसे किसी को मुंह दिखायेगा
अपनी मां बहन को क्या बताएगा
कभी सोचा था कैसे कानून से
अपने अाप को बचाएगा
अब एक बात अॉर बताओ
तेरे दिल में यह ख्याल कैसे अाया
इस तरह के घिनौने काम
के लिए किस ने बहकाया
समझते हो खुद को मर्द
जानवर जैसा दिमाग पाया
खुदा करे तेरे घर भी एक बेटी हो
मेरे दिल से निकलती दुअा है
उसके साथ भी वैसा हो
जैसा तूने मेरे साथ किया है
तब कहीं जाकर मूर्ख तुम्हे
एहसास होगा तूने क्या किया है
मुझे अॉर मेरे परिवार को तो
दुनिया का सामना करना होगा
जेल की सलाखों के पीछे तुम्हे
भी कई वर्षों तक सड़ना होगा
अंदर ही अंदर मर कर ‘तिलक’
तुम्हे भी पश्चाताप करना होगा
बता मैं तेरी उस माँ को कहूँ क्या
जिसने तुझ जैसा बेटा पैदा किया
काश उसने तुम्हें सिखाया होता
अाज मेरा हाल ऐसा न हुअा होता
या खुदा हर मां बेटे को समझाए
वो बड़ा हो तेरे जैसा न बन जाए
वो किसी औरत की इज़्ज़त लूटे नहीं
बल्कि हर माँ, बहन की इज्ज़त बचाए
 by
तिलक शर्मा

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